बंगाल में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनुमति :
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार (10 मई) को ईद के आगामी त्योहार के
चलते धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनुमति दी।
कोरोनोवायरस के मामलों में लगातार वृद्धि के चलते सिर्फ ५० लोगों के समूह को छूट दी गयी है। और संक्रम ना बढे उसके
लिए कोलकाता में रेड रोड पर ईद की प्रार्थना और सभा भी आयोजित नहीं की जाएगी ऐसा
सी ऍम ने साफ कहा है।
इस छूट के निर्यण से राज्य के सभी लोग बहुत ही खुस है खास करके मुस्लिम समुदाय। और एक और सभी राज्य के सी ऍम भी ये निर्यण से चौक गए है।
हलाकि उस निर्यण से क्या होता है ये तो समय जाने पर ही पता लगेगा।
“इस COVID -19 की स्थिति में, हमने अधिकतम 50 लोगों के साथ धार्मिक और सांस्कृतिक
कार्यक्रमों की अनुमति दी है। मुस्लिम नेताओं द्वारा तय की गई रेड रोड पर कोई ईद की नमाज
और सभा नहीं होगी। मेरा अनुरोध है कि अज़ान में में कोई बड़ी सभा नहीं होनी चाहिए और
घर से सुना जा ऐसा प्रबंध किया जाये है”, मुख्यमंत्री ने कहा।
उसने यह भी कहा कि राज्य में कोरोनावायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम
उठाए गए हैं। “हमने वायरस पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं,” उन्होंने राज्य
सचिवालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अपनी नवगठित सरकार की पहली
कैबिनेट बैठक के बाद कहा।
राजभवन में आज यहां ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल में 43 तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं ने
शपथ ली। इससे पहले बुधवार को ममता बनर्जी ने लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल की
मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
ममता दीदी भावुक धर्मनिरपेक्ष हैं। ममता बनर्जी के पास एक धर्मनिरपेक्षवादी के रूप में उत्कृष्ट हथियार है और व्ही चुनाव में विजयामूर्त साबित हुआ हाल ही में संपन्न पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने 213 सीटें जीतीं।
भारतीय जनता पार्टी को 294 सीटों वाली राज्य विधानसभा में 77 सीटें मिलीं। चुनाव परिणामों के
विश्लेषण से पता चलता है कि पहले दौर के मतदान से ही TMC अग्रणी है। फिर बाद के दौर में
यह आगे और आगे बढ़ गया क्योंकि कोविड की आपदा को आसमान छूने से भाजपा का जादू
पहले जैसा नहीं रहा और हार का सामना करना पड़ा।