म्यूकोरमाइकोसिस का कहर :
हमारे देश भर में COVID -19 के मामले लगातार तरीके से बढ़ रहे हैं। साथ साथ COVID-19 के मरीज़ो की समस्या भारत के सभी राज्यों में बढ़ रही है और कई सारी परेशानिया पैदा कर रहे हैं।
उसके अलावा तीसरी लहर का खौफनाक डर भी मौजूद है। उस परिस्थिति में म्यूकोरमाइकोसिस का कहर अब सामने आ रहा है। इस बीमारी में आंख या जबड़े में इंफेक्शन होता है।
म्यूकरमाइकोसिस एक तरह का फंगल इंफेक्शन है, इसके शुरुआती लक्षण आंखों और नाक के पास लालिमा व दर्द होता है।
साथ ही बुखार और खून की उल्टी भी आ सकती है जो कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना मरीजों के ठीक होने के बाद पाया जा रहा है। जिससे मरीज की जान जा सकती है।
भारतीय राज्यों में ऐसे 200 से अधिक मामले सामने आए हैं। देश भर के अस्पतालों की स्थिति से स्पष्ट है की यह एक
म्यूकोरमाइकोसिस एक तरह का फंगल इंफेक्शन है जो शरीर में बहुत तेजी से फैलता है।
इसे ब्लैक फंगस भी कहा जाता है। म्यूकोरमाइकोसिस इंफेक्शन या ब्लैक फंगस रोगियों के दिमाग, फेफड़े या फिर स्किन पर भी अटैक कर सकता है।
म्यूकरमाइकोसिस नाम की ये बीमारी इतनी गंभीर है कि मरीज को इसमें सीधे आईसीयू में एडमिट करना पड़
जाता है।
इस बीमारी में कई मरीजों के आंखों की रोशनी चली जाती है वहीं कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी गल
जाती है।
जैसे ही काला फंगल संक्रमण फैलता है, सबसे विशिष्ट विशेषता चेहरे की विकृति है। हालांकि, संक्रमण के कुछ संकेत
संवेदी और महत्वपूर्ण अंगों को भी प्रभावित कर सकते हैं।
मोटे तौर पर, यहाँ कुछ तेज संकेत और पहचान के लक्षण हैं:
जैसे की मानसिक स्थिति में बदलाव, आंख नाक का लाल होना, नाक के चारों ओर कालापन, बुखार , सिरदर्द
,खांसी,सांस लेने में तकलीफ,खून भरी उलटी फंगल संक्रमण मुख्य रूप से हानिकारक हो सकता है जब एक मरीज फंगल मोल्ड्स को साँस लेता है और साइनस गुहाओं और नसों पर हमला करता है।
यह बदले में, एक व्यक्ति को लगातार दर्द और सिरदर्द जैसे लक्षणों का अनुभव करने का कारण बनता है। एसियल विकृति संक्रमण की प्राथमिक विशेषता है।
सबसे गंभीर मामलों में, संक्रमण के परिणामस्वरूप आंखों, नाक के आसपास काले धब्बे हो सकते हैं। कुछ मामलों में, फंगल संक्रमण के छिटपुट विकास से व्यक्ति अपने दांत या जबड़े खो सकता है।
फंगल संक्रमण को मस्तिष्क पर साँस लेने के लिए अपना रास्ता बनाने के लिए जाना जाता है, डॉक्टरों ने चेतावनी दी है
कि नाजुक लक्षण जैसे कि प्रलाप, स्मृति हानि, न्यूरोलॉजिकल हानि, परिवर्तित मानसिक स्थिति संकेत हो सकती है कि
रोगी को ध्यान देने की आवश्यकता है।
और तुरत ही अस्पताल में जाकर कर डॉक्टरों की सलाह ले। म्यूकोरमाइकोसिस इंफेक्शन के ज्यादातर मामले उन मरीजों में देखे जा रहे हैं जो Covid-19 से ठीक हो चुके हैं लेकिन उनमें डायबिटीज, किडनी, हार्ट फेल्योर या फिर कैंसर की बीमारी है। अगर आपको इनमें से कोई समस्या है तो हर लक्षण को लेकर सावधान रहें।
याद रखे म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस बचने के लिए। जब भी बाहर जाएं , खासतौर पर धूल, घूए , प्रदूषित
वाली जगह पर तो मास्क जरूर पहनें ग्लव्स पहने, व्यक्ति के सम्पर्क में कम जाये।