नई शिक्षा निती का निर्माण :
कुछ समय से हम सब सुन रहे है के नई शिक्षा नीति का निर्माण हुआ है। अब पढ़ने और पढ़ाने का तरीका बदल गया है। अब कुछ भी पहले जैसा नहीं रहा । अभी भी कुछ लोग दुविधा में है और हमारे सरकार के इस नई शिक्षा नीति को समझ नहीं पाए है।
इसीलिए मैं ये article लिख रही हूं ताकि आप आसानी से इस नए शिक्षा नीति को समझ पाए।
जबसे पूरे विश्व में ये कॉरोना महामारी का ये योग शुरु हुआ है तबसे ही हमारे देश के बच्चे और उनके माता पिता, बच्चे के भविष्य को लेकर काफी चिंता में है, के आखिर क्या होगा इन बच्चों का भविष्य। पूरा साल बरबाद होगा या फिर सरकार हमारे पुराने नीति में कोई बदलाव करे।
इसी चिंता को दूर करते हुए सरकार ने 34 साल बाद नई नीति का घोषणा किया।
जिसमें को अब स्कूल में शिक्षा देने वाला तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा। जैसे के पहले भारत में सीक्षानीति 10+2 के आधार पर चलती थी। पर अब 5+3+3+4 के नीति पर चलेगी। आसान शब्दों में कहें तो स्कूल में दाखिला लेने के बाद पहले के 5 बरसो कि पढ़ाई को Foundation stage का नाम दिया जाएगा। इस foundation stage में Pre-primary के 3 साल और 1ली ब 2री कक्षा का एक एक साल शामिल होगा। और साथमें बच्चों को खेलकूद और अलग और नए गतिविधियों के जरिए सीक्षा दी जाएगी ताकि बच्चे आसानी पढ़ाई कर सके और खेल खेल में समझ भी जाए।
3रे कक्षा से 5बी कक्षा के बच्चों को humanities, गणित, सामाजिक विज्ञान, कला, विज्ञान जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे। जिससे कि बच्चे चोटी उमर से ही अपने कलके लिए तैयारी कर पाए। इसके बाद आता है 6 ठी से लेकर 8बी कक्षा कि पढ़ाई। जिसमें भी यही विषय में निर्धारित पाठ्यक्रम के मुताबिक शिक्षा दी जाएगी।
9बी से 12बी की पढ़ाई बात ही अनोखी होने वाली है, और महत्वपूर्ण बात ये है के अब स्कूलों में पहले जैसा कोई भी पाबंदी नहीं होगी। सबसे पहली बात के आप अपनी मर्जी से भाषा का चयन कर सकते है। आप जिस भी भाषा में चाहे परीक्षा दे सकते है, और पढ़ाई में मातृ भाषा, स्थानीय भाषा, और राष्ट्र भाषा में कर सकते है। अब अंग्रेजी बस एक subject के तौर पर पढ़ाई जाएगी।
सेमेस्टर आधारित परीक्षा –
सालाना परीक्षा नहीं अबसे 9बी से 12बी कक्षा कि परीक्षा सेमेस्टर के हिसाब से दी जाएगी। यानी कि हर 6 महीने में बच्चों को परीक्षा देनी पड़ेगी और फाइनल मार्कशीट दोनों परीक्षाओं के अंकों को जोर कर बनाई जाएगी।
कॉलेज शिक्षा नीति में बदलाव –
जो बच्चे 12बी कक्षा में अच्छे अंक हासिल नहीं कर पाएंगे, पर फिर भी किसी अच्छे कॉलेज में admission लेना चाहेंगे उनके लिए एक CAT ( Common aptitude test) का आयोजन किया जाएगा। CAT में प्राप्त किए गए अंको को 12बी के अंको के साथ जोर दिया जाएगा, जिससे के बच्चे आसानी से कॉलेज में admission le सके।
कॉलेज की पढ़ाई हुई मज़ेदार-
अब बच्चे एक साथ कई विषयों में पढ़ाई कर सकते है। और जब चाहे तब छोर भी सकते है। अगर किसी बच्चे ने एक साल में पढ़ाई छोड़ दी तो आपको उस कोर्स का एक certificate दिया जाएगा। अगर आप 2 साल में पढ़ाई छोड़ते ही तो आपको diploma certificate दिया जाएगा , और अगर 3 साल में छोरा तो bachelor’s डिग्री दी जाएगी। और सबसे आखिर में आप अगर पूरे 4 साल पूरा करते हो तो आपको bachelor’s degree with research certificate के साथ डिग्री मिलेगी।
कॉलेज की पढ़ाई को 4 सालो में विभाजित किया गया है –
यानी के अब बच्चे बिना किसी बदलाव के मज़े से अपनी पढ़ाई कर पाएंगे। वो जब चाहे एडमिशन ले सकते है और जब चाहे कर भी सकते है। इससे बच्चों को कोई नुकसान नहीं होगा , उन्होंने जितनी पढ़ाई की होगी उस हिसाब से उनको certificate दिया जाएगा।
पूरी शिक्षा नीति बैबस्था होगी ऑनलाइन –
अब बच्चों के लिए एक एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट बनाया जाएगा। और पूरा सिस्टेम डिजिटल और ऑनलाइन होगा। जब बच्चे अलग अलग विषयो में पढ़ाई करेंगे और जिस कोर्स जाहा तक कंप्लीट करेंगे उनके अंक इस एकेडमिक बैंक में जमा हो जाएगा।
National Higher Education bill को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है, इसके तहत स्कूल और कॉलेज की फीस के लिए नए नियम निर्धारित किए जाएंगे। जिसके अन्तर्गत स्कूल और कॉलेज में निश्चित फीस से ज्यादा नहीं के पाएंगे। और साथ ही साथ संगीत, कला और साहित्य, देश के हर कॉलेज में पढ़ाया जाएगा।
ये शिक्षानिती बर्श 2021 और 2022 के एकेडमिक सेशन तक लागू कर दिया जाएगा। और इस बड़े घोषणा के साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया जाएगा। ( Source – ZeeNews)