योग से परिचय (Yoga Introduction) –
परिचय –
आत्मा को परमात्मा से मिलाने को योग कहते हैं। सही तरीके से योग करने से आत्मा मन एवं शरीर हमारे बस में आ जाते हैं, जिससे हम कोई भी काम स्थिर एवं एकाग्र होकर कर सकते हैं, और उस काम में महारत हासिल कर सकते हैं।
सहज भाषा में कहे तो योग यानी योगा करने से हमारे शारीरिक और मानसिक बीमारियां दूर हो जाती है, तथा हमारे शरीर के समस्त अंग प्रत्यंग सुचारू रूप से काम करना शुरू कर देता है। जिससे मनुष्य को शांति और क्रियाशीलता की अनुभूति होती है। छल कपट, झूठ, चोरी एवं चरित्र हीनता से इंसान दूर ही रहता है। जिस कारण व्यक्तिगत एवं सामाजिक नैतिकता का विकास होता है।
योग का अर्थ –
योग का अर्थ है जुड़ना, मिलना यानी एकत्र होना। आज योग से संबंधित अनेक प्रकार की भ्रांतियां फैली हुई है। यदि हम साफ शब्दों में समझे तो स्थूलता से सूक्ष्मता की ओर जाना,तथा बहिरात्मा से अंतरात्मा की और जाना ही योग है।
योग से हमारा मन और आत्मा शांति और संतोष की प्राप्ति करता है। योग से हम धीरे-धीरे अंतरात्मा की गहराइयों को जानते हैं। जब हम अपने अंतरात्मा को जानेंगे तब हमारे मन में ज्ञान का प्रकाश उज्जवल इत होगा। इस प्रकार और व्यक्ति का मस्तिष्क का विकास (सेल डेवलपमेंट) होता है।
योग क्या करता है –
यह बोल पाना बहुत मुश्किल है कि योग क्या-क्या करता है। योग साधना से व्यक्ति रोग से मुक्ति पा सकता है। ऐसा कोई रोग नहीं है जो योग या योगासन से ठीक नहीं हो सकती है। योगा के माध्यम से व्यक्ति शांति एवं संतोष की भावना स्वाभाविक रूप से जीवन में ला सकती है।
योगा हमें शारीरिक संपन्नता के साथ मानसिक शक्ति भी प्रदान करता है। जिससे मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती हैं। योग निद्रा, एवं ध्यान के द्वारा हम अपनी स्मृति क्षमता को भी बढ़ा सकते हैं। योगा हमारी कार्यकुशलता एवं कार्य क्षमता में वृद्धि करता है। योग से हमारे शरीर के अंग प्रत्यंग सक्रिय हो जाते हैं। बुढ़ापे में होने वाली परेशानियों के को योग से निजात पाया जा सकता है यह विज्ञानिक परीक्षणों से प्रमाणित हैं। योग द्वारा हम अपनी नकारात्मकता (नेगेटिविटी) को दूर करके सकारात्मकता (पॉजिटिविटी) को अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं।
योगा क्या है?
Y Yield
O Obtains
G Give up
A Attains
- योगा से व्यक्ति कौन-कौन से उपलब्धियां प्राप्त कर सकते हैं ?
- योगा से व्यक्ति को कौन सी नई उपलब्धियां प्राप्त होता है?
- योग द्वारा व्यक्ति क्या-क्या छोड़ सकता है?
- योग से व्यक्ति अंततः क्या प्राप्त करता है?
योगासन के लाभ (scientific reason) –
सुबह उठकर अगर हम योगासन का अभ्यास करते हैं तो हमारे शरीर में रक्त संचार पर्याप्त मात्रा में होने लगता है।
पूरे शरीर में तीव्रता आ जाती है। शरीर हल्का हो जाता है। शरीर में स्फूर्ति आ जाती है। संधि जोड़ खुल जाने के कारण उन में फंसी हुई वायु रक्त संचार की तीव्रता के कारण वहां से निकल जाती है। पूरे शरीर में को एक प्रकार की नई ताजगी, चेतना प्राप्त होती है।
शीर्षासन जैसे योगासन करने से व्यक्ति के मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह होने से उसे क्रियाशील बनाता है। और व्यक्ति बुद्धिमान बन जाता है।
इस प्रकार हमारे पैर के अंगूठे से लेकर टखना, पिंडली, घुटना, जंगा, नितंब, उपस्थ, कमर, उदर, पिठ, मेरुदंड, फेफड़े, हाथ की उंगलियां,कोहनी, स्कुंध, ग्रीवा, आंख, सीर, पाचन तंत्र के अंग आदि सभी भाग क्रियाशील (एक्टिव) हो जाता है। और उनके विकार दूर होकर हमें निरोगी शरीर प्रदान करता है।
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